'गांधी नहीं, मेरे आदर्श अशोक और अकबर हैं'- नवभारत टाइम्स के साथ इंटरव्यू
'सच बोलने से अगर कुछ लोग आहत होते हैं तो यह उनकी समस्या है मेरी नहीं।'
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सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके मार्कंडेय काटजू जब-तब मीडिया की सुर्खियां बटोरते रहे हैं। कभी कैटरीना कैफ की खूबसूरती से वह इतना प्रभावित हो जाते हैं कि उसे राष्ट्रपति बनाने की वकालत करने लग जाते हैं और कभी शाजिया इल्मी उन्हें इतनी अच्छी लगने लगती हैं कि वह उन्हें सीएम का कैंडिडेट बनाने के लिए बीजेपी लीडरशिप को सलाह दे डालते हैं लेकिन इस बार मामला गंभीर हो गया है। उन्होंने अपने ब्लॉग में गांधी जी को लेकर टिप्पणी की है, जिसकी वजह से उनके खिलाफ राज्यसभा में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। यूपी की विधानसभा भी उनके खिलाफ प्रस्ताव पास कर चुकी है। कई जगहों पर उनके खिलाफ एफआईआर भी हुई है। इस तरह के बयानों के पीछे उनका क्या है शगल, यह जानने को जस्टिस काटजू से बात की पॉलिटिकल एडिटर नदीम ने :
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NBT: गांधी जी को लेकर आपने अपने ब्लॉग पर जो लिखा क्या वह उचित है?
Ans: बिल्कुल उचित है। मैंने गांधी को लेकर जो लिखा है, वह एक तरह से बहुत कम है। गांधी ने दो तरह से अंग्रेजों के हितों की पूर्ति की है। एक तो भारत वापसी से लेकर अपनी मृत्यु तक उन्होंने धर्म और राजनीति को मिलाए रखा। 'द कलेक्टेड वर्क्स आफ गांधी' पढ़ें आप खुद पाएंगे कि उनके ज्यादातर लेख और भाषण 'रामराज्य' 'गो रक्षा' 'वर्णाश्रम' 'ब्रह्मचर्य' और इसी तरह के तमाम दूसरे हिंदू विचारों पर केंद्रित हुआ करते थे। उनकी सभाओं में रघुपति राघव राजा राम जैसे हिंदू भजन गाए जाते थे। दूसरे आजादी के लिए शुरू हुए क्रांतिकारी आंदोलन से भयभीत अंग्रेजों का डर निकालने को गांधी उनके मददगार बने और उन्होंने पूरे आंदोलन का रूप बदल दिया।
NBT: लेकिन आजादी तो गांधी की वजह से ही मिली?
Ans: यह कहना कि आजादी गांधी की वजह से मिली पूरी तरह से गलत और बकवास है। क्या यह विश्वास करने वाली बात है कि अंग्रेज अपना इतना बड़ा साम्राज्य गांधी के उपवास, सत्याग्रह और दांडी मार्च या इसी तरह के दूसरे ड्रामों की वजह से छोड़ गए? भारत को 1947 में आजादी इस लिए मिली कि दिवतीय विश्वयुद्ध में जर्मनी ने इंग्लैंड को कमजोर कर दिया था और अमेरिका का प्रेशर था।
NBT: आपके तर्क कुछ भी हों लेकिन एक शख्स जिसे राष्ट्रपिता का दर्जा हासिल हो, Ans: उसके लिए इस तरह की भाषा या विचार को कैसे जायज ठहराया जा सकता है?
गांधी को राष्ट्रपिता गलत कहा जाता है। हकीकत में उन्होंने भारत का बहुत नुकसान किया। वह ब्रिटिश एजेंट थे और उसका ताजा सबूत यह है कि लंदन में अभी उनकी मूर्ति का अनावरण किया गया अंग्रेजों की तरफ से। अंग्रेजों ने भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, अशफाकउल्लाह, खुदीराम बोस, राम प्रसाद बिसमिल की मूर्ति का अनावरण क्यों नहीं किया?
NBT: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार क्या दूसरों की भावनाओं को आहत करने का अधिकार देता है?
Ans: सच बोलने से अगर कुछ लोग आहत होते हैं तो यह उनकी समस्या है मेरी नहीं।
NBT: अब जब राज्यसभा और यूपी की विधानसभा निंदा प्रस्ताव पास कर चुकी है तो आपको यह लगता नहीं है कि खेद व्यक्त करना चाहिए?
Ans: बगैर मेरा पक्ष जाने मेरे खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर देना नेचरल जस्टिस के खिलाफ है। सदनों को मुझसे माफी मांगनी चाहिए।
NBT: आपका आदर्श कौन है?
Ans: सम्राट अशोक और अकबर।
NBT: गांधी पर लिखने से पहले आप कैटरीना कैफ और शाजिया इल्मी पर रीझ गए थे? इस तरह की बेबाकी का शगल आपको कैसे पैदा हो गया?
Ans: कैटरीना कैफ और शाजिया इल्मी वाली बात तो बस हंसी मजाक वाले टोन में थी लेकिन बेवकूफ लोग हंसी मजाक भी नहीं समझते। दरअसल हुआ यह था कि एक रोज मैंने अखबार में देखा कि एक खूबसूरत महिला क्रोएशिया की राष्ट्रपति चुन ली गई तो हमने भी मजाक के मूड में फेसबुक पर यह पोस्ट डाल दी कि हमारे देश के नेता लोग चुनाव के समय वादों के सिवा कुछ नहीं करते तो इससे अच्छा हम लोग किसी खूबसूरत महिला को ही वोट क्यों न दें? कम से कम अखबारों और टीवी पर उसका खूबसूरत चेहरा ही देखने को मिलता रहेगा।
NBT: कहीं ये पब्लिसिटी स्टंट तो नहीं?
Ans: मुझे इस तरह की पब्लिसिटी की जरूरत नहीं। मैं जो कुछ कहता हूं, उसका आधार और तर्क होता है। जो लोग मुझसे असहमत हों उन्हें अपनी बात रखनी चाहिए अपने तर्कों के साथ, लेकिन अक्सर होता यह है कि लोग मुझे गालियां देने लगते हैं बगैर किसी कारण के।
NBT: आपकी गम्भीर छवि के इतर अब आपको लोग दिग्विजय सिंह और लालू यादव कर श्रेणी में रखने लगे हैं?
Ans: मुझे इसकी फिक्र नहीं कि लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं या कहते हैं। मैं देश के लोगों को सच बताने का दायित्व निभाता रहूंगा।
NBT: आप जब महिलाओं पर लिखते हैं तो आपके परिवार की क्या प्रतिक्रिया होती है?
Ans: कुछ नहीं सब लोग हंसते हैं।
NBT: क्या राजनीति में आने का इरादा है?
Ans: मेरा राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं लेकिन राजनीति से बिल्कुट कटा भी नहीं हूं। मैं देश के लोगों से कहना चाहता हूं कि उन्हें लम्बे समय से नेताओं की तरफ से बेवकूफ बनाया जा रहा है।
http://navbharattimes.indiatimes.com/india/39gandhi-my-ideal-would-ashoka-and-akbar39/articleshow/46636586.cms
'सच बोलने से अगर कुछ लोग आहत होते हैं तो यह उनकी समस्या है मेरी नहीं।'
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सुप्रीम कोर्ट के जज रह चुके मार्कंडेय काटजू जब-तब मीडिया की सुर्खियां बटोरते रहे हैं। कभी कैटरीना कैफ की खूबसूरती से वह इतना प्रभावित हो जाते हैं कि उसे राष्ट्रपति बनाने की वकालत करने लग जाते हैं और कभी शाजिया इल्मी उन्हें इतनी अच्छी लगने लगती हैं कि वह उन्हें सीएम का कैंडिडेट बनाने के लिए बीजेपी लीडरशिप को सलाह दे डालते हैं लेकिन इस बार मामला गंभीर हो गया है। उन्होंने अपने ब्लॉग में गांधी जी को लेकर टिप्पणी की है, जिसकी वजह से उनके खिलाफ राज्यसभा में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। यूपी की विधानसभा भी उनके खिलाफ प्रस्ताव पास कर चुकी है। कई जगहों पर उनके खिलाफ एफआईआर भी हुई है। इस तरह के बयानों के पीछे उनका क्या है शगल, यह जानने को जस्टिस काटजू से बात की पॉलिटिकल एडिटर नदीम ने :
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NBT: गांधी जी को लेकर आपने अपने ब्लॉग पर जो लिखा क्या वह उचित है?
Ans: बिल्कुल उचित है। मैंने गांधी को लेकर जो लिखा है, वह एक तरह से बहुत कम है। गांधी ने दो तरह से अंग्रेजों के हितों की पूर्ति की है। एक तो भारत वापसी से लेकर अपनी मृत्यु तक उन्होंने धर्म और राजनीति को मिलाए रखा। 'द कलेक्टेड वर्क्स आफ गांधी' पढ़ें आप खुद पाएंगे कि उनके ज्यादातर लेख और भाषण 'रामराज्य' 'गो रक्षा' 'वर्णाश्रम' 'ब्रह्मचर्य' और इसी तरह के तमाम दूसरे हिंदू विचारों पर केंद्रित हुआ करते थे। उनकी सभाओं में रघुपति राघव राजा राम जैसे हिंदू भजन गाए जाते थे। दूसरे आजादी के लिए शुरू हुए क्रांतिकारी आंदोलन से भयभीत अंग्रेजों का डर निकालने को गांधी उनके मददगार बने और उन्होंने पूरे आंदोलन का रूप बदल दिया।
NBT: लेकिन आजादी तो गांधी की वजह से ही मिली?
Ans: यह कहना कि आजादी गांधी की वजह से मिली पूरी तरह से गलत और बकवास है। क्या यह विश्वास करने वाली बात है कि अंग्रेज अपना इतना बड़ा साम्राज्य गांधी के उपवास, सत्याग्रह और दांडी मार्च या इसी तरह के दूसरे ड्रामों की वजह से छोड़ गए? भारत को 1947 में आजादी इस लिए मिली कि दिवतीय विश्वयुद्ध में जर्मनी ने इंग्लैंड को कमजोर कर दिया था और अमेरिका का प्रेशर था।
NBT: आपके तर्क कुछ भी हों लेकिन एक शख्स जिसे राष्ट्रपिता का दर्जा हासिल हो, Ans: उसके लिए इस तरह की भाषा या विचार को कैसे जायज ठहराया जा सकता है?
गांधी को राष्ट्रपिता गलत कहा जाता है। हकीकत में उन्होंने भारत का बहुत नुकसान किया। वह ब्रिटिश एजेंट थे और उसका ताजा सबूत यह है कि लंदन में अभी उनकी मूर्ति का अनावरण किया गया अंग्रेजों की तरफ से। अंग्रेजों ने भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, अशफाकउल्लाह, खुदीराम बोस, राम प्रसाद बिसमिल की मूर्ति का अनावरण क्यों नहीं किया?
NBT: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार क्या दूसरों की भावनाओं को आहत करने का अधिकार देता है?
Ans: सच बोलने से अगर कुछ लोग आहत होते हैं तो यह उनकी समस्या है मेरी नहीं।
NBT: अब जब राज्यसभा और यूपी की विधानसभा निंदा प्रस्ताव पास कर चुकी है तो आपको यह लगता नहीं है कि खेद व्यक्त करना चाहिए?
Ans: बगैर मेरा पक्ष जाने मेरे खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित कर देना नेचरल जस्टिस के खिलाफ है। सदनों को मुझसे माफी मांगनी चाहिए।
NBT: आपका आदर्श कौन है?
Ans: सम्राट अशोक और अकबर।
NBT: गांधी पर लिखने से पहले आप कैटरीना कैफ और शाजिया इल्मी पर रीझ गए थे? इस तरह की बेबाकी का शगल आपको कैसे पैदा हो गया?
Ans: कैटरीना कैफ और शाजिया इल्मी वाली बात तो बस हंसी मजाक वाले टोन में थी लेकिन बेवकूफ लोग हंसी मजाक भी नहीं समझते। दरअसल हुआ यह था कि एक रोज मैंने अखबार में देखा कि एक खूबसूरत महिला क्रोएशिया की राष्ट्रपति चुन ली गई तो हमने भी मजाक के मूड में फेसबुक पर यह पोस्ट डाल दी कि हमारे देश के नेता लोग चुनाव के समय वादों के सिवा कुछ नहीं करते तो इससे अच्छा हम लोग किसी खूबसूरत महिला को ही वोट क्यों न दें? कम से कम अखबारों और टीवी पर उसका खूबसूरत चेहरा ही देखने को मिलता रहेगा।
NBT: कहीं ये पब्लिसिटी स्टंट तो नहीं?
Ans: मुझे इस तरह की पब्लिसिटी की जरूरत नहीं। मैं जो कुछ कहता हूं, उसका आधार और तर्क होता है। जो लोग मुझसे असहमत हों उन्हें अपनी बात रखनी चाहिए अपने तर्कों के साथ, लेकिन अक्सर होता यह है कि लोग मुझे गालियां देने लगते हैं बगैर किसी कारण के।
NBT: आपकी गम्भीर छवि के इतर अब आपको लोग दिग्विजय सिंह और लालू यादव कर श्रेणी में रखने लगे हैं?
Ans: मुझे इसकी फिक्र नहीं कि लोग मेरे बारे में क्या सोचते हैं या कहते हैं। मैं देश के लोगों को सच बताने का दायित्व निभाता रहूंगा।
NBT: आप जब महिलाओं पर लिखते हैं तो आपके परिवार की क्या प्रतिक्रिया होती है?
Ans: कुछ नहीं सब लोग हंसते हैं।
NBT: क्या राजनीति में आने का इरादा है?
Ans: मेरा राजनीति में आने का कोई इरादा नहीं लेकिन राजनीति से बिल्कुट कटा भी नहीं हूं। मैं देश के लोगों से कहना चाहता हूं कि उन्हें लम्बे समय से नेताओं की तरफ से बेवकूफ बनाया जा रहा है।
http://navbharattimes.indiatimes.com/india/39gandhi-my-ideal-would-ashoka-and-akbar39/articleshow/46636586.cms