Sunday, 28 June 2015

For God's sake, investigate Dattu

 Is the whole country deaf and dumb ?

A fb message. I have deleted the name of the sender :

Jun 24th, 4:25am
जस्टिस मार्कंडेय काटजू का ताजा लेख भारत के मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू पर कई गंभीर सवाल खड़े करता है.

http://www.satyagrah.com/investigation/katju-blog-justice-dattu-cji-judiciary-corruption/

क्या जस्टिस दत्तू के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच होनी चाहिए? - सत्याग्रह
जस्टिस मारकंडेय काटजू का ताजा लेख भारत के मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू पर कई गंभीर सवाल खड़े करता है.
satyagrah.com

Jun 28th, 7:53am
To,
Chief Justice of India.
मी लॉर्ड!
आप पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है. लाखों लोग और दर्जनों संस्थाएं उन आरोपों की जांच की मांग कर रही हैं. सार्वजनिक मंचों से डंके की चोट पर आपको भ्रष्टाचारी कहा जा रहा है. आप देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर हैं और आपकी सत्यनिष्ठा सवालों के घेरे में. इसके बावजूद भी आप चुप्पी साधे हुए हैं. आपकी यह असाधारण चुप्पी आपके पक्ष को ही कमज़ोर बनाती है.
यदि आप साफ हैं तो ऐसा दिखना भी जरूरी है, मी लॉर्ड!

14 मई 2015 को जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने अपने ब्लॉग पर एक लेख लिखा था. इसमें उन्होंने जस्टिस दत्तू पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को सार्वजानिक किया और साथ ही यह भी बताया कि उन्होंने खुद अब तक इस मामले की जांच के लिए कितने प्रयास किये हैं. इन प्रयासों के बाद भी अब तक किसी भी स्तर पर जस्टिस दत्तू के खिलाफ जांच शुरू क्यों नहीं हुई? क्यों इन आरोपों के बाद भी जस्टिस दत्तू को देश का मुख्य न्यायाधीश बना दिया गया? क्यों उन मीडिया संस्थानों ने भी कोई खोजी रिपोर्ट नहीं की जिन्हें काटजू ने इन आरोपों से संबंधित दस्तावेज सौंपे थे? इस तमाम सवालों का सबसे आसान जवाब यह हो सकता है कि जस्टिस काटजू जिन आरोपों की बात कर रहे हैं वह इतने हलके हों कि उनके आधार पर जस्टिस दत्तू के खिलाफ कोई भी कार्रवाई संभव ही न हो. लेकिन यह जवाब जितनी आसानी से समझ में आता है, उतनी ही आसानी से नकारा भी जा सकता है.

here is the link for the complete report ..

http://www.satyagrah.com/india/allegations-justice-hl-dattu-silence/

जस्टिस एचएल दत्तू : साफ हैं तो ऐसा दिखना भी जरूरी है, मी लॉर्ड! - सत्याग्रह
देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर बैठे जस्टिस एचएल दत्तू, यदि अपनी सत्यनिष्ठा सवालों के घेरे में होने पर भी चुप हैं तो यह उनके पक्ष को ही कमज़ोर बनाता है.
satyagrah.com